Tuesday, 29 June 2021

जीवन में आत्मविश्वास: डॉ. पुनीत द्विवेदी


आत्मविश्वास शब्द दो शब्दों का संयोजन है आत्म और विश्वास अर्थात् स्वयं पर विश्वास। स्वयं पर विश्वास तब होगा जब स्वयं पर नियंत्रण होगा। जीवन के सभी क्रियाकलापों पर नियंत्रण कर सक पाना आसान नहीं। कुछ वाह्य क्रियाकलापों पर हमारा कोई नियंत्रण नहीं रहता। नियंत्रण नहीं हो पाने से हमें दुख होता है। और दुख हमारी मानसिकता को नकारात्मकता की ओर अग्रसर करता है। यह प्रक्रिया व्यक्ति के व्यक्तित्व पर निर्भर करती है। समस्याओं के समाधान का सबका अपना-अपना तरीक़ा होता है। जब चीज़ें हमारे अनुसार होतीं हैं तो हमारा आत्मविश्वास और बढ़ता जाता है। और इसके विपरीत जब चीज़ें हमारे अनुसार नहीं होती हैं तो धीरे-धीरे हमारा आत्मविश्वास भी कमजोर होने लगता है। जीवन के संघर्ष भी आत्मविश्वास को बढ़ाने या घटाने में अपनी अहम भूमिका निभाते हैं। यदि वातावरण का अध्ययन करें तो हम पाते हैं कि हमारा जीवन राजनीतिक वातावरण, आर्थिक वातावरण, सामाजिक परिवेश, तकनीकी परिवेश और क़ानूनी वातावरण के आस पास ही घूमता रहता है। प्रत्येक व्यक्ति इन वातावरणों से प्रभावित रहता ही है।आत्मविश्वास के और मज़बूत होने में इन वातावरणों की महती भूमिका होती है। इन पर नियंत्रण कर सक पाना मुश्किल है परंतु इनके साथ स्वयं को समायोजित कर लेना बुद्धिमत्ता है। उस व्यक्ति का आत्मविश्वास सबसे अधिक मज़बूत होता है जो अपना काम आसानी से निकलवा लेता है। वह अवसरोचित अपनी बुद्धि का समुचित उपयोग करता है जिससे कि बाधाओं से बचा जा सके और कम समय में अपना कार्य आसानी से पूर्ण किया जा सके।  कार्य सफलतापूर्वक पूर्ण होने पर आत्म विश्वास और प्रबल होता है। अत: जीवन में सकारात्मकता के साथ अपनी बुद्धि और विवेक की अवसरोचित उपयोग कर अपने अभीष्ट की सिद्धि करना ही विजेता होना है। ऐसा जीवन जीने वाला व्यक्ति के भीतर असीम ऊर्जा का संचार होने लगता है और वह सदा जीतता जाता है। उसका आत्मविश्वास और बढ़ता जाता है। 

- डॉ. पुनीत द्विवेदी, प्रोफ़ेसर एवं समूह निदेशक, मॉडर्न ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूट्स इंदौर। 

Self-confidence in life:

The word self-confidence is a combination of two words self and Confidence (faith) i.e. belief in oneself. Confidence in yourself will happen when you have control over yourself. It is not easy to be able to control all the activities of life. We have no control over some external activities. We feel sad when we are not able to control them. And misery leads our mindset to negativity. This process depends on the personality of the individual. Everyone has their own way of solving problems. When things go according to us, our confidence grows even more. And on the contrary, when things do not go according to us, then gradually our self-confidence also starts to weaken. The struggles of life also play an important role in increasing or decreasing self-confidence. If we study the environment, we find that our life revolves around the political environment, economic environment, social environment, technological environment and legal environment. Each and every person is affected by these environments. These environments play an important role in making self-confidence more strong. It is difficult to control them but it is wise to adjust oneself with them. The self-confidence of the person is strongest, who gets his work done easily. He makes proper use of his intelligence on occasion so that obstacles can be avoided and his work can be completed easily in less time. Self confidence becomes stronger when the task is completed successfully. Therefore, in life with positivity, by making use of your intelligence and discretion on occasion, to achieve your desired is to be a winner. A person living such a life starts infusing infinite energy within and he always wins. His confidence increases further.

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- Dr. Punit K Dwivedi, Professor & Group Director, Modern Group of Institutions, Indore 
Call/ WhatsApp: +91-9993456731

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