स्वच्छता भारतीय जीवन शैली के मूल में है। प्लास्टिक पर प्रतिबंध स्वच्छता के संकल्प को राष्ट्रनिर्माण हित सराहनीय कदम के रुप में माना जाना चाहिए। इंदौर नगर पालिका निगम ने स्वच्छता के इस मंत्र को साधा है तथा इंदौर में प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाया गया है। छापा मार कर प्लास्टिक का उपयोग करने वाले संस्थानों एवं संगठनों पर कार्रवाही , नगर निगम इंदौर की इस अनोखी पहल को दृष्टांत के रुप में अन्य नगरों के लिए उपयोगी माना जा रहा है।
शिक्षण संस्थानों में ग्रीनवेस्ट मैनेजमेंट को प्रोत्साहन देना आज के समय की माँग है। इंदौर के सभी शिक्षण संस्थानों को स्वप्रेरणा से स्वच्छता के इस महायज्ञ में संस्था के अपशिष्टों की आहुति देकर नगर की स्वच्छता को उच्चतम स्तर पर ले जाने में सहयोगी बनना आवश्यक है। शिक्षण संस्थाओं को गीले कचरे से खाद बनाने की कम्पोस्ट इकाई की स्थापना करना स्वच्छ भारत अभियान की माँग है। उक्त पहल जैविक कृषि को प्रोत्साहन देने में अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगी।
स्वच्छता धर्म को सर्वोच्च मान्यता देना वर्तमान समय की माँग है। भारत त्यौहारों का देश है। त्यौहारों में भी ठोस एवं गीले कचरे के प्रबंधन को महत्व देना अतिआवश्यक है। सभी धार्मिक स्थलों द्वारा स्वच्छता के मंत्र को जन-जन तक पहुँचाने के लिए जनजागरण अभियान चलाया जाना चाहिए। मंदिरों, मस्जिदों, गुरुद्वारों, चर्चों में प्रार्थना के पश्चात् कुछ समय स्वच्छता के महत्व को लोगों तक पहुँचाने के लिए पहल किये जाने चाहिए जिसमें धर्मगुरुओं का बहुत ही महत्त्वपूर्ण योगदान हो सकता है।
स्वच्छता नितांत आवश्यक है चाहे वह वैचारिक हो अथवा परिवेश की। इंदौर रहेगा नंबर वन- स्वच्छ इंदौर।
शिक्षण संस्थानों में ग्रीनवेस्ट मैनेजमेंट को प्रोत्साहन देना आज के समय की माँग है। इंदौर के सभी शिक्षण संस्थानों को स्वप्रेरणा से स्वच्छता के इस महायज्ञ में संस्था के अपशिष्टों की आहुति देकर नगर की स्वच्छता को उच्चतम स्तर पर ले जाने में सहयोगी बनना आवश्यक है। शिक्षण संस्थाओं को गीले कचरे से खाद बनाने की कम्पोस्ट इकाई की स्थापना करना स्वच्छ भारत अभियान की माँग है। उक्त पहल जैविक कृषि को प्रोत्साहन देने में अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगी।
स्वच्छता धर्म को सर्वोच्च मान्यता देना वर्तमान समय की माँग है। भारत त्यौहारों का देश है। त्यौहारों में भी ठोस एवं गीले कचरे के प्रबंधन को महत्व देना अतिआवश्यक है। सभी धार्मिक स्थलों द्वारा स्वच्छता के मंत्र को जन-जन तक पहुँचाने के लिए जनजागरण अभियान चलाया जाना चाहिए। मंदिरों, मस्जिदों, गुरुद्वारों, चर्चों में प्रार्थना के पश्चात् कुछ समय स्वच्छता के महत्व को लोगों तक पहुँचाने के लिए पहल किये जाने चाहिए जिसमें धर्मगुरुओं का बहुत ही महत्त्वपूर्ण योगदान हो सकता है।
स्वच्छता नितांत आवश्यक है चाहे वह वैचारिक हो अथवा परिवेश की। इंदौर रहेगा नंबर वन- स्वच्छ इंदौर।
-लेखक इंदौर स्वच्छता अभियान (SBM-अर्बन) के "ब्रांड एंबेसडर" (एकेडमिक्स) हैं।
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