Wednesday, 20 September 2017
Dr. Punit Kumar Dwivedi Awarded by Chief Minister of Madhya Pradesh for Swachh Indore No-1
Swachh Bharat Mission-Indore
Dr.Punit K Dwivedi ( Brand Ambassador)
Awarded by Chief Minister Madhya Pradesh for Swachh Indore
On 17th Sept. 2017 on
the occasion of #SwachhataHiSeva “Seva Diwas” Honourable Chief Minister Madhya
Pradesh Shri Shivraj Singh Chouhan Ji felicitated Dr.Punit K Dwivedi (Brand
Ambassador-Swachh Indore Mission) at Brilliant Convention Centre, Indore, M.P.
Dr. Punit K Dwivedi helped in
making e-learning program for capacity building. Organised E-Learning Workshop
for Indore Municipal Corporation Officials/ Helped in creating awareness about
Cleanliness in the Schools and Colleges through Radio Interviews, Media
Interactions and Citizen Consultation. Physically taken part in Cleanliness
Drives and Capacity Building Programs organized by IMC time to time.
Dr. Punit Kumar Dwivedi
Brand Ambassador , Swachh Indore Mission
E-Learning: Capacity Building Program
Interviewed by MyFM 94.3 MY_Icon for Swachhata
Abhiyan (Swachh Indore Mission) :
https://www.youtube.com/watch?v=iADYK_HUxZQ
Dr.
Punit K Dwivedi Awarded by Chief Minister Madhya Pradesh & Union Minister
MoUD, Govt. Of India for Swachhata Abhiyan in Indore
Swachh Indore Mission (SBM-urban)
Faculty,
PIMR : Dr. Punit Kumar Dwivedi,
Brand
Ambassador Swachh Bharat Mission- Indore
Dr. Punit
Kumar Dwivedi, Faculty Department of Finance, Prestige Institute of Management
and Research (PIMR), Indore has been awarded by honourable Chief Minister
Madhya Pradesh and Honourable Shree Vankaiyya Naidu Ji Union Minister, Ministry
of Urban Development Govt. Of India on 5th June 2017 at Dussera Maidan Indore during “Pranaam
Indore” program organized by Indore Municipal Corporation. He worked hard for
creating awareness and social movement for cleanliness drive in Indore city.
Dr. Punit Kumar Dwivedi, Faculty
PIMR and Brand Ambassador Swachh Indore Mission by Indore Municipal Corporation
is on Stage during “Pranam Indore” Award Ceremony of Brand Ambassador and
Stakeholders of “Swachh Indore Mission”. On Stage Honourable Chief Minister
Madhya Pradesh Shri Shivraj Singh Chauhan Ji, Honourable Loksabha Speaker Smt.
Sumitra Tai Mahajan Ji, Hounourable Union Minister MoUD Shri Vainkaiya Naidu Ji
Honourable Mayor Indore Smt. Malini Lakshamansingh Gaud Ji and other Guests.
Email
from Swachh Indore (Indore Municipal Corporation) for Felicitation as Brand
Ambassador to Dr. Punit K Dwivedi, Faculty, PIMR
Expert Lecture by Dr. Punit Kumar Dwivedi,
Faculty PIMR and Brand Ambassador Swachh Indore Mission on 31st
August 2017 during “Capacity Building
Program of ULBS and Stake Holders on Waste Management” held at Brilliant
Convention Centre Indore
Dr.Punit K Dwivedi Faculty PIMR and Brand Ambassador Swachh Bharat Mission-Indore
Urban Delivering Expert Lecture during the workshop on "Capacity Building Program of ULBS and Stake Holders on Waste
Management” organised by Indore Municipal Corporation under Swachh Indore
Mission- an Initiative of Ministry of Urban Development, Govt. Of India (स्वच्छ भारत अभियान) and Distributing
Merit Certificates to all best performers in Solid Waste Segregation Management
team (NGO's) creating awareness for segregating Wet and Dry waste and its
proper management for better implications of Cleanliness in Indore.
इंदौर नगर निगम द्वारा स्वच्छ इंदौर अभियान में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (Solid Waste Management)को सफल बनाने के लिए आयोजित "कैपसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम" में ब्रांड एंबेसडर-वक़्ता के रूप में सहभागिता- केन्द्र सरकार के शहरी विकास मंत्रालय के द्वारा इंदौर नगर निगम के देश के सबसे स्वच्छ शहर का दर्जा हाल ही में मिला है।
इंदौर नगर निगम द्वारा स्वच्छ इंदौर अभियान में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (Solid Waste Management)को सफल बनाने के लिए आयोजित "कैपसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम" में ब्रांड एंबेसडर-वक़्ता के रूप में सहभागिता- केन्द्र सरकार के शहरी विकास मंत्रालय के द्वारा इंदौर नगर निगम के देश के सबसे स्वच्छ शहर का दर्जा हाल ही में मिला है।
Regards,
Dr. Punit Kumar Dwivedi
Sunday, 10 September 2017
Swachh Indore: Capacity Building Program
Dr.Punit K Dwivedi, Brand Ambassador Swachh Bharat Mission-Indore
Urban Delivering Expert Lecture during the workshop on "Capacity Building Program of ULBS and Stake Holders on Waste
Management” organised by Indore Municipal Corporation under Swachh Indore
Mission- an Initiative of Ministry of Urban Development, Govt. Of India (स्वच्छ भारत अभियान) and Distributing
Merit Certificates to all best performers in Solid Waste Segregation Management
team (NGO's) creating awareness for segregating Wet and Dry waste and its
proper management for better implications of Cleanliness in Indore.
इंदौर नगर निगम द्वारा स्वच्छ इंदौर अभियान में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (Solid Waste Management)को सफल बनाने के लिए आयोजित "कैपसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम" में ब्रांड एंबेसडर-वक़्ता के रूप में सहभागिता- केन्द्र सरकार के शहरी विकास मंत्रालय के द्वारा इंदौर नगर निगम के देश के सबसे स्वच्छ शहर का दर्जा हाल ही में मिला है।
इंदौर नगर निगम द्वारा स्वच्छ इंदौर अभियान में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (Solid Waste Management)को सफल बनाने के लिए आयोजित "कैपसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम" में ब्रांड एंबेसडर-वक़्ता के रूप में सहभागिता- केन्द्र सरकार के शहरी विकास मंत्रालय के द्वारा इंदौर नगर निगम के देश के सबसे स्वच्छ शहर का दर्जा हाल ही में मिला है।
Photos:
Tuesday, 5 September 2017
फ़ोर्ब्स के अनुसार भ्रष्टाचारी भारत ?
भारत नहीं, भारतीय लोग हैं भ्रष्टाचारी ।
देश कैसे भ्रष्टाचारी हो सकता है? क्या यह भारत वर्ष की बढ़ती साख को धूमिल करने का एक गंदा प्रयास है? भ्रष्टाचारी यदि कोई है तो वह व्यक्ति है जो या तो कोई व्यापारी है, व्यावसायी है, प्रोफ़ेशनल है, नौकरशाह है, कर्मचारी है, NGO है, इत्यादि।
फ़ोर्ब्स कितना बिकाऊ है?
मार्केटिंग के नाम पर कई ऐसे मैगज़ीन अवार्ड दिलाने से लेकर विज्ञापन कराने तक का ज़िम्मा उठा रहे हैं बदले में मोटी रक़म वसूल कर रहे हैं। अयोग्य व्यक्ति अथवा संस्थान का महिमा मंडन कर उनके स्वार्थ सिद्धि का माध्यम बन रहे हैं। कहीं हम सही में तो ग़लत नहीं हैं?
हमें अपने देश पर गर्व है?
भारत हमारा देश है। देश की मर्यादा का ध्यान हमें रखना है। ठीक वैसे ही दालें हम अपने सिबिल स्कोर का ध्यान रखते हैं। विश्व पटल पर भारत की बदनामी का कारण कहीं हम स्वयं तो नहीं? कहीं ऐसी तो नहीं कुछ अपने निजी स्वार्थ के चलते हमने कुछ ऐसे कदम उठाए जिससे देश की गरिमा को ठेस पहुँचता हो। हमें अपने देश की गरिमा की चिंता कितनी है? हमें कितना अपने देश पर गर्व है?
हमें भारत नहीं फ़ोर्ब्स मैगज़ीन पर कितना गर्व है?
हमारा भारतीय समाज, हमारी संस्कृति, हमारी रहन-सहन हमारे लिए गर्व का कारण होना चाहिए। कोई तीसरा व्यक्ति, संगठन, संस्था हमारी प्रामाणिकता को सिद्ध करे और हम उसके मार्केटिंग स्टंट का शिकार बन स्वयं की संस्कृति, देश, समाज का उपहास करें या देश एवं समाज के अहित की मनगढ़ंत बिकाऊ बातें प्रचारित-प्रसारित कर ओछे जनजागरण का कारण बनें, यह बामपंथी विचार का परिचायक है। अगर देश में भ्रष्टाचार है तो हमारा क्या योगदान है उसे हटाने में, यह सुनिश्चित करें। उसके बारे में मात्र लोगों को सूचित न करें।
हम कितने देशद्रोही हैं?
भारतवर्ष को भ्रष्टाचारी बनाने में अपने योगदान को स्मरण करें। हम भारत से अलग नहीं हैं । हम ही भारत हैं। जिस दिन यह भाव हमारे भीतर आ जाएगा उस दिन से हमें किसी फ़ोर्ब्स मैगज़ीन की प्रामाणिकता की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। हम देशभक्त बने, देशद्रोही नहीं। सर्वप्रथम देश के प्रति सम्मान रखें।
#IAmNewIndia
देश कैसे भ्रष्टाचारी हो सकता है? क्या यह भारत वर्ष की बढ़ती साख को धूमिल करने का एक गंदा प्रयास है? भ्रष्टाचारी यदि कोई है तो वह व्यक्ति है जो या तो कोई व्यापारी है, व्यावसायी है, प्रोफ़ेशनल है, नौकरशाह है, कर्मचारी है, NGO है, इत्यादि।
फ़ोर्ब्स कितना बिकाऊ है?
मार्केटिंग के नाम पर कई ऐसे मैगज़ीन अवार्ड दिलाने से लेकर विज्ञापन कराने तक का ज़िम्मा उठा रहे हैं बदले में मोटी रक़म वसूल कर रहे हैं। अयोग्य व्यक्ति अथवा संस्थान का महिमा मंडन कर उनके स्वार्थ सिद्धि का माध्यम बन रहे हैं। कहीं हम सही में तो ग़लत नहीं हैं?
हमें अपने देश पर गर्व है?
भारत हमारा देश है। देश की मर्यादा का ध्यान हमें रखना है। ठीक वैसे ही दालें हम अपने सिबिल स्कोर का ध्यान रखते हैं। विश्व पटल पर भारत की बदनामी का कारण कहीं हम स्वयं तो नहीं? कहीं ऐसी तो नहीं कुछ अपने निजी स्वार्थ के चलते हमने कुछ ऐसे कदम उठाए जिससे देश की गरिमा को ठेस पहुँचता हो। हमें अपने देश की गरिमा की चिंता कितनी है? हमें कितना अपने देश पर गर्व है?
हमें भारत नहीं फ़ोर्ब्स मैगज़ीन पर कितना गर्व है?
हमारा भारतीय समाज, हमारी संस्कृति, हमारी रहन-सहन हमारे लिए गर्व का कारण होना चाहिए। कोई तीसरा व्यक्ति, संगठन, संस्था हमारी प्रामाणिकता को सिद्ध करे और हम उसके मार्केटिंग स्टंट का शिकार बन स्वयं की संस्कृति, देश, समाज का उपहास करें या देश एवं समाज के अहित की मनगढ़ंत बिकाऊ बातें प्रचारित-प्रसारित कर ओछे जनजागरण का कारण बनें, यह बामपंथी विचार का परिचायक है। अगर देश में भ्रष्टाचार है तो हमारा क्या योगदान है उसे हटाने में, यह सुनिश्चित करें। उसके बारे में मात्र लोगों को सूचित न करें।
हम कितने देशद्रोही हैं?
भारतवर्ष को भ्रष्टाचारी बनाने में अपने योगदान को स्मरण करें। हम भारत से अलग नहीं हैं । हम ही भारत हैं। जिस दिन यह भाव हमारे भीतर आ जाएगा उस दिन से हमें किसी फ़ोर्ब्स मैगज़ीन की प्रामाणिकता की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। हम देशभक्त बने, देशद्रोही नहीं। सर्वप्रथम देश के प्रति सम्मान रखें।
#IAmNewIndia
Friday, 1 September 2017
स्वच्छता हमारी परिपाटी है, इसे न खोएँ
स्वच्छता हमारी परिपाटी है इसे न खोएँ- डॉ. पुनीत द्विवेदी
स्वच्छता से ही स्वस्थ भारत एवं समाज की परिकल्पना की जा सकती है।अर्थात "स्वच्छ भारत से स्वस्थ भारत संभव है"। अत: "स्वच्छ भारत अभियान" सबसे महत्वाकांक्षी अभियान होना चाहिए। ग्रामीण जीवन जीने की कला को यदि देखें या फिर अपने बचपन के उन दिनों का स्मरण करें जब प्रात: काल माँ या दादी पहले-पहल झाड़ू उठाकर पूरे घर की विधिवत सफ़ाई किया करते थे, पिता जी या दादा जी ख़रहरे से पूरे दुआर (द्वार) की सफ़ाई किया करते थे उसके पश्चात् स्नान, ध्यान, भोजन बनाने और खाने का कार्य होता था।
स्मरण करें, जब प्राथमिक पाठशाला में प्रात:काल की प्रार्थना के पश्चात श्रमदान का कार्य किया जाता था, जिसमें अपने विद्यालय के आस-पास के क्षेत्रों की प्रतिदिन सफाई की जाती थी। यही तो है भारतीय संस्कृति। वर्तमान पाश्चात्य वाताकरण के दुष्प्रभाव के चलते इन व्यवस्थाओं में परिवर्तन आया है और एक अव्यवस्थित, भारतीय संस्कृति के प्रतिकूल, अव्यवहारिक व्यवस्था जो कि हमारे दैनिक क्रियाकलापों के दोषपूर्ण विभत्स स्वरूप को लेकर प्रकट हुयी है, के हम आदी हो गए है।
भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी उसी प्राचीन विश्वगुरु भारत की परिकल्पना को मूर्त रूप देना चाहते हैं जो हमारे अपने संस्कृति और सभ्यता के अनुसार हो और हमें हमारे पूर्वजों से परिपाटी के रूप में प्राप्त हुआ हो।
आईए, स्वच्छता के इस मंत्र को जन जन तक पहुँचाएं। भारत वर्ष को स्वच्छ भारत बनाकर परम् वैभव को प्राप्त करें। जय विश्वगुरु भारत।स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत।
(लेखक "स्वच्छ भारत अभियान" (भारत के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर ) के ब्रांड अम्बेसडर हैं।)
#SwachhIndore #SwachhBharat #SBM-#Urban #MoUD #SwachhataSurvekshan-2018
#SwachhIndore
स्वच्छता से ही स्वस्थ भारत एवं समाज की परिकल्पना की जा सकती है।अर्थात "स्वच्छ भारत से स्वस्थ भारत संभव है"। अत: "स्वच्छ भारत अभियान" सबसे महत्वाकांक्षी अभियान होना चाहिए। ग्रामीण जीवन जीने की कला को यदि देखें या फिर अपने बचपन के उन दिनों का स्मरण करें जब प्रात: काल माँ या दादी पहले-पहल झाड़ू उठाकर पूरे घर की विधिवत सफ़ाई किया करते थे, पिता जी या दादा जी ख़रहरे से पूरे दुआर (द्वार) की सफ़ाई किया करते थे उसके पश्चात् स्नान, ध्यान, भोजन बनाने और खाने का कार्य होता था।
स्मरण करें, जब प्राथमिक पाठशाला में प्रात:काल की प्रार्थना के पश्चात श्रमदान का कार्य किया जाता था, जिसमें अपने विद्यालय के आस-पास के क्षेत्रों की प्रतिदिन सफाई की जाती थी। यही तो है भारतीय संस्कृति। वर्तमान पाश्चात्य वाताकरण के दुष्प्रभाव के चलते इन व्यवस्थाओं में परिवर्तन आया है और एक अव्यवस्थित, भारतीय संस्कृति के प्रतिकूल, अव्यवहारिक व्यवस्था जो कि हमारे दैनिक क्रियाकलापों के दोषपूर्ण विभत्स स्वरूप को लेकर प्रकट हुयी है, के हम आदी हो गए है।
भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी उसी प्राचीन विश्वगुरु भारत की परिकल्पना को मूर्त रूप देना चाहते हैं जो हमारे अपने संस्कृति और सभ्यता के अनुसार हो और हमें हमारे पूर्वजों से परिपाटी के रूप में प्राप्त हुआ हो।
आईए, स्वच्छता के इस मंत्र को जन जन तक पहुँचाएं। भारत वर्ष को स्वच्छ भारत बनाकर परम् वैभव को प्राप्त करें। जय विश्वगुरु भारत।स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत।
(लेखक "स्वच्छ भारत अभियान" (भारत के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर ) के ब्रांड अम्बेसडर हैं।)
#SwachhIndore #SwachhBharat #SBM-#Urban #MoUD #SwachhataSurvekshan-2018
#SwachhIndore
Wednesday, 30 August 2017
Solid Waste Management (ठोस अपशिष्ट प्रबंधन) in the Cleanest City Indore
स्वच्छता भारतीय जीवन शैली के मूल में है। प्लास्टिक पर प्रतिबंध स्वच्छता के संकल्प को राष्ट्रनिर्माण हित सराहनीय कदम के रुप में माना जाना चाहिए। इंदौर नगर पालिका निगम ने स्वच्छता के इस मंत्र को साधा है तथा इंदौर में प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाया गया है। छापा मार कर प्लास्टिक का उपयोग करने वाले संस्थानों एवं संगठनों पर कार्रवाही , नगर निगम इंदौर की इस अनोखी पहल को दृष्टांत के रुप में अन्य नगरों के लिए उपयोगी माना जा रहा है।
शिक्षण संस्थानों में ग्रीनवेस्ट मैनेजमेंट को प्रोत्साहन देना आज के समय की माँग है। इंदौर के सभी शिक्षण संस्थानों को स्वप्रेरणा से स्वच्छता के इस महायज्ञ में संस्था के अपशिष्टों की आहुति देकर नगर की स्वच्छता को उच्चतम स्तर पर ले जाने में सहयोगी बनना आवश्यक है। शिक्षण संस्थाओं को गीले कचरे से खाद बनाने की कम्पोस्ट इकाई की स्थापना करना स्वच्छ भारत अभियान की माँग है। उक्त पहल जैविक कृषि को प्रोत्साहन देने में अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगी।
स्वच्छता धर्म को सर्वोच्च मान्यता देना वर्तमान समय की माँग है। भारत त्यौहारों का देश है। त्यौहारों में भी ठोस एवं गीले कचरे के प्रबंधन को महत्व देना अतिआवश्यक है। सभी धार्मिक स्थलों द्वारा स्वच्छता के मंत्र को जन-जन तक पहुँचाने के लिए जनजागरण अभियान चलाया जाना चाहिए। मंदिरों, मस्जिदों, गुरुद्वारों, चर्चों में प्रार्थना के पश्चात् कुछ समय स्वच्छता के महत्व को लोगों तक पहुँचाने के लिए पहल किये जाने चाहिए जिसमें धर्मगुरुओं का बहुत ही महत्त्वपूर्ण योगदान हो सकता है।
स्वच्छता नितांत आवश्यक है चाहे वह वैचारिक हो अथवा परिवेश की। इंदौर रहेगा नंबर वन- स्वच्छ इंदौर।
शिक्षण संस्थानों में ग्रीनवेस्ट मैनेजमेंट को प्रोत्साहन देना आज के समय की माँग है। इंदौर के सभी शिक्षण संस्थानों को स्वप्रेरणा से स्वच्छता के इस महायज्ञ में संस्था के अपशिष्टों की आहुति देकर नगर की स्वच्छता को उच्चतम स्तर पर ले जाने में सहयोगी बनना आवश्यक है। शिक्षण संस्थाओं को गीले कचरे से खाद बनाने की कम्पोस्ट इकाई की स्थापना करना स्वच्छ भारत अभियान की माँग है। उक्त पहल जैविक कृषि को प्रोत्साहन देने में अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगी।
स्वच्छता धर्म को सर्वोच्च मान्यता देना वर्तमान समय की माँग है। भारत त्यौहारों का देश है। त्यौहारों में भी ठोस एवं गीले कचरे के प्रबंधन को महत्व देना अतिआवश्यक है। सभी धार्मिक स्थलों द्वारा स्वच्छता के मंत्र को जन-जन तक पहुँचाने के लिए जनजागरण अभियान चलाया जाना चाहिए। मंदिरों, मस्जिदों, गुरुद्वारों, चर्चों में प्रार्थना के पश्चात् कुछ समय स्वच्छता के महत्व को लोगों तक पहुँचाने के लिए पहल किये जाने चाहिए जिसमें धर्मगुरुओं का बहुत ही महत्त्वपूर्ण योगदान हो सकता है।
स्वच्छता नितांत आवश्यक है चाहे वह वैचारिक हो अथवा परिवेश की। इंदौर रहेगा नंबर वन- स्वच्छ इंदौर।
-लेखक इंदौर स्वच्छता अभियान (SBM-अर्बन) के "ब्रांड एंबेसडर" (एकेडमिक्स) हैं।